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दहेज प्रथा पर निबंध 2025 – सामाजिक बुराई और इसके उन्मूलन की आवश्यकता

दहेज प्रथा पर निबंध 2025

दहेज प्रथा पर निबंध 2025

दहेज प्रथा पर निबंध – समाज को खोखला करती बुराई

भूमिका (Introduction)

दहेज प्रथा भारतीय समाज की एक गंभीर सामाजिक समस्या है। इस प्रथा में कन्या के विवाह के समय उसके माता-पिता से धन, संपत्ति, वाहन, गहने आदि की मांग की जाती है। यह परंपरा समय के साथ लालच और अत्याचार में बदल चुकी है, जो समाज में महिलाओं की असुरक्षा और असमानता को बढ़ावा देती है।


दहेज प्रथा का इतिहास

प्राचीन भारत में कन्यादान को पुण्य कार्य माना जाता था, जिसमें बेटी को सम्मानपूर्वक विदा किया जाता था। लेकिन समय के साथ इस परंपरा ने विकृत रूप ले लिया। अब दहेज एक लाभ का साधन बन गया है, जो विवाह को व्यापारिक समझौता बना देता है।


दहेज प्रथा पर निबंध 2025

दहेज प्रथा के दुष्परिणाम

दहेज प्रथा के कारण समाज को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है:


दहेज प्रथा के विरुद्ध कानून

भारत सरकार ने दहेज प्रथा को रोकने के लिए कई कानूनी प्रावधान बनाए हैं:

लेकिन कानून से ज़्यादा ज़रूरत है समाज में मानसिकता बदलने की।


दहेज प्रथा को रोकने के उपाय

  1. शिक्षा और जागरूकता बढ़ाना

  2. लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाना

  3. बिना दहेज विवाह को प्रोत्साहन

  4. कानूनी कार्रवाई में सख्ती

  5. मीडिया और सोशल प्लेटफॉर्म्स पर प्रचार


निष्कर्ष (Conclusion)

दहेज प्रथा एक ऐसी बुराई है जो सदियों से महिलाओं के सम्मान और स्वतंत्रता को कुचलती आ रही है।
हमें मिलकर यह संकल्प लेना होगा कि:

“बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और दहेज प्रथा हटाओ” – यही आज की आवश्यकता है।


FAQs

Q1: दहेज प्रथा क्या है?
A: विवाह के समय वर पक्ष द्वारा वधु पक्ष से धन, संपत्ति या उपहार मांगना ही दहेज प्रथा कहलाता है।

Q2: भारत में दहेज लेना क्या अपराध है?
A: हाँ, दहेज लेना या देना कानूनन अपराध है और इसके लिए सजा का प्रावधान है।

Q3: दहेज प्रथा कैसे खत्म की जा सकती है?
A: शिक्षा, जागरूकता, कड़े कानून और समाजिक समर्थन से इस कुप्रथा को समाप्त किया जा सकता है।

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